हरियाणा, जम्मू और कश्मीर के लिए तिथियों की घोषणा |महाराष्ट्र में क्यों नहीं की विधानसभा चुनावों की घोषणा,क्या है कारण?

केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज (16 अगस्त) जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा के लिए चुनाव तिथियों की घोषणा की।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा के लिए चुनाव कार्यक्रम की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। 2019 में हरियाणा के साथ-साथ झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों की भी घोषणा की गई थी। इसलिए, सभी के मन में यह जिज्ञासा थी कि क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तिथियों की भी घोषणा की जाएगी।

लेकिन चुनाव आयोग ने केवल दो राज्यों के चुनावों की घोषणा की है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल देखते हुए, वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल नवंबर तक है। उससे पहले एक नई सरकार के गठन की संभावना है। इसलिए अब सवाल यह है कि महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा कब की जाएगी?

सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि सरकार को जम्मू और कश्मीर में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसी संदर्भ में जम्मू और कश्मीर में चुनावों की घोषणा की गई है।

जम्मू और कश्मीर में चुनावों की घोषणा:

जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे। 

मतदान जम्मू और कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा। परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

जम्मू और कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 74 सामान्य श्रेणी की सीटें, 9 अनुसूचित जनजाति की सीटें और 7 अनुसूचित जाति की सीटें हैं।

हरियाणा में चुनावों की घोषणा:

हरियाणा में होने वाला चुनाव एक ही चरण में आयोजित किया जाएंगा।

हरियाणा में मतदान 1 अक्टूबर को होगा और चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 73 सामान्य हैं और 17 अनुसूचित जाति श्रेणी से संबंधित हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल नवंबर में समाप्त होने वाला है। इसका अर्थ है कि नवंबर के अंत तक राज्य में एक नई सरकार के गठन की संभावना है।

महाराष्ट्र के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। इस विषय पर पूछे जाने पर राजीव कुमार ने बताया, “पिछली बार महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन उस समय जम्मू-कश्मीर का कोई मुद्दा नहीं था। इस बार चार राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, और इसके तुरंत बाद पांचवें राज्य में भी चुनाव होंगे।” इसका मतलब है कि दिल्ली में भी चुनाव होंगे। इसलिए सुरक्षा बलों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए हमने दो चुनावों को एक साथ कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर चुनाव के दौरान अन्य चुनावों की घोषणा की संभावना नहीं है।

राजीव कुमार ने आगे कहा, “इसके अलावा और भी कारण हैं। महाराष्ट्र में बारिश हो रही है, और गणेशोत्सव, पितृपक्ष, नवरात्रि जैसे त्योहार भी नजदीक हैं। इसलिए हमने यह नहीं सोचा कि एक ही समय में दो चुनाव कराना संभव होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभाओं के कार्यकाल की समान अवधि छह महीने तक होती है।