विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आफ्रीका में मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण वायरल संक्रमण “एमपॉक्स” को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किए जाने के दो दिन बाद, भारत में केंद्र और राज्य सरकारें सक्रिय हो गई हैं। उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की जा रही हैं, और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
एक प्रमुख केंद्रीय अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अपने अधीनस्थ अस्पतालों के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया है।”
एमपॉक्स एक ऐसी बीमारी है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में मान्यता दी है। इसके कुछ घंटों बाद ही अफ्रीका के बाहर इसका पहला मामला सामने आया। अब तक अफ्रीकी देशों में फैले एमपॉक्स के नए वेरिएंट ने स्वीडन में भी दस्तक दे दी है।
स्वीडन की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, अफ्रीका से लौटे एक व्यक्ति में इस नए वेरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस एमपॉक्स वेरिएंट के पहले मामले डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में देखे गए थे, जहाँ अब तक 500 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इस नए वेरिएंट को अत्यधिक घातक माना जा रहा है।