Vande Bharat Sleeper Train: इस ट्रेन की गति और सुरक्षा में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारतीय रेलवे ने इस मार्ग पर ‘कवच’ तकनीक को लागू किया है, जिससे दो ट्रेनें आमने-सामने आने पर टकराने से बच सकेंगी। वर्तमान में, भारतीय रेलवे की गति सीमा 70 से 80 किमी प्रति घंटा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस ट्रेन का निरीक्षण किया और इसकी तस्वीरें साझा की हैं। सभी लोग इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि देश की पहली स्लीपर ट्रेन किस मार्ग पर संचालित होगी। यह लगभग निश्चित है कि यह ट्रेन मुंबई और दिल्ली के बीच चलेगी।
सभी आवश्यक तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिए गए हैं। मुंबई-दिल्ली मार्ग पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस को यह वैकल्पिक ट्रेन प्रदान की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, वंदे भारत के माध्यम से मुंबई से दिल्ली का यात्रा समय 16 घंटे से घटकर 12 घंटे हो जाएगा।
मुंबई से दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड
भारत की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अब तैयार हो चुकी है। इसका उद्घाटन बेंगलुरु में किया गया। इस ट्रेन का स्थैतिक परीक्षण आरंभ हो चुका है, जो कि दस दिनों तक चलेगा। इस परीक्षण में ट्रेन के सॉफ्टवेयर का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, मुंबई और दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेन के लिए सभी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। यह स्पष्ट संकेत देता है कि स्लीपर वंदे भारत मुंबई और दिल्ली के बीच संचालित होगी। स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि यह राजधानी ट्रेन का एक विकल्प है।
‘मिशन रफ़्तार’ योजना को कार्यान्वित किया गया
वंदे भारत स्लीपर के उद्घाटन समारोह में यह जानकारी दी गई कि यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती है। मुंबई और दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए ‘मिशन रफ़्तार’ योजना की शुरुआत की गई थी।
1,478 किमी के मार्ग पर 8 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसके अतिरिक्त, मुंबई से अहमदाबाद के मार्ग पर 130 किमी प्रति घंटे की गति का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है।
भारतीय रेलवे की ‘ढाल’ तकनीक
वंदे भारत स्लीपर के उद्घाटन समारोह में यह जानकारी दी गई कि यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती है। मुंबई और दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए ‘मिशन रफ़्तार’ योजना की शुरुआत की गई थी। 1,478 किमी के मार्ग पर 8 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसके अतिरिक्त, मुंबई से अहमदाबाद के मार्ग पर 130 किमी प्रति घंटे की गति का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है।